टाटा समूह की FMCG इकाई टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने शुक्रवार को कहा कि उसने संभावित अधिग्रहण के लिए बिसलेरी के साथ बातचीत बंद कर दी है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने बोतलबंद पानी बनाने वाली कंपनी बिसलेरी के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखाई थी।
अगर टाटा कंज्यूमर बिसलेरी का अधिग्रहण करने में सफल हो जाती है, तो यह इस सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी बन जाती। लेकिन अब दोनों कंपनियों के बीच इस डील को लेकर बातचीत बंद हो गई है। पिछले साल नवंबर में खबर आई थी कि बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) इसे बेचना चाहते हैं।
सेगमेंट में भी लीडर बन जाती टाटा कंज्यूमर
टाटा कंज्यूमर ने कहा कि संभावित लेनदेन को लेकर उसने अब बिसलेरी के साथ बातचीत बंद कर दी है। कंपनी ने इस मामले में किसी निश्चित समझौते या बाध्यकारी प्रतिबद्धता में प्रवेश नहीं किया है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड हिमालयन नेचुरल मिनरल वाटर और टाटा वाटर प्लस ब्रांड का मालिक है।
इस वजह से बिक रही थी बिसलेरी कंपनी
82 वर्षीय रमेश चौहान भारत की सबसे बड़ी बोतलबंद पानी कंपनी बिसलेरी के मालिक हैं। पिछले साल जब बिसलेरी के बिकने की खबर सामने आई तो कहा गया कि चेयरमैन के पास कारोबार को आगे बढ़ाने या विस्तार करने के लिए कोई उत्तराधिकारी नहीं है।
इसलिए बिसलेरी बिक रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रमेश चौहान की बेटी और बिसलेरी की वाइस चेयरमैन जयंती (Jayanti Chauhan)बिजनेस में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखती हैं। जिससे बिसलेरी को बेचने की तैयारी चल रही है।
काफी सक्रिय हैं जयंती चौहान
जयंती चौहान, जो बिसलेरी की उपाध्यक्ष हैं, हाल के महीनों में बहुत सक्रिय रही हैं। उन्होंने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल के जरिए लगातार बिसलेरी के हर कदम का प्रचार किया। कुछ महीने पहले बिसलेरी ने अपने ग्राहकों को एक ऐप के जरिए पानी ऑर्डर करने का विकल्प दिया था।
जयंती चौहान ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर कंपनी के इस कदम को शेयर करते हुए ग्राहकों से डोरस्टेप एप के जरिए बिसलेरी की पानी की बोतल मंगवाने की अपील की। उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों की भी तारीफ की। इसके अलावा बिसलेरी आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के साथ काम करते हैं। जयंती चौहान ने भी कंपनी के इस कदम की सराहना की।
केवल 4 लाख रुपये में हुआ था सौदा
1969 में, चौहान परिवार के व्यापारिक घराने के नेतृत्व में पारले ने बिसलेरी (इंडिया) लिमिटेड को खरीद लिया। रमेश चौहान ने जब इस कंपनी को खरीदा था तब उनकी उम्र महज 28 साल थी। उस वक्त बिसलेरी का सौदा महज 4 लाख रुपए में हुआ था। 1995 में इसकी कमान रमेश चौहान को सौंपी गई। उसके बाद बोतलबंद पानी के कारोबार ने इतनी तेजी से उड़ान भरी कि अब यह बोतलबंद पानी के बाजार की पहचान बन गया है।
24 साल की उम्र में जयंती ने बिजनेस संभाला
रमेश चौहान की इकलौती बेटी जयंती चौहान 37 साल की हैं। जयंती चौहान का बचपन दिल्ली, मुंबई और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में बीता। 24 साल की उम्र में, जयंती ने अपने पिता की देखरेख में बिसलेरी के व्यवसाय को नियंत्रित करना शुरू किया। पहले वे दिल्ली कार्यालय का काम देखती थी। यहां उन्होंने प्लांट का नवीनीकरण किया और ऑटोमेशन प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया। एक मजबूत टीम बनाने के लिए उन्होंने एचआर, सेल्स और मार्केटिंग जैसे विभागों में बदलाव किया।
बिसलेरी नेटवर्क
2011 में जयंती ने मुंबई ऑफिस भी संभाला। जयंती चौहान कंपनी के विज्ञापन और संचार विकास में भी पूरी तरह से शामिल हैं और इसका प्रमाण लिंक्डइन पर देखा जा सकता है। वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बिसलेरी के देश भर में 122 से अधिक परिचालन संयंत्र हैं, जबकि पूरे भारत में लगभग 5,000 ट्रकों के साथ 4,500 से अधिक का वितरण नेटवर्क है।