Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 69,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हालिया आदेश को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस फैसले को योगी सरकार की ‘ढीली पैरवी’ का नतीजा बताया।
गौरतलब है कि 13 मार्च को लखनऊ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने शिक्षक सहायकों की भर्ती परीक्षा के तहत राज्य में 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी सूची की समीक्षा के तीन महीने के भीतर उत्तर प्रदेश सरकार को झटका दिया था।(एटीआरई) आरक्षण का समुचित समाधान करने के निर्देश दिए।
अखिलेश ने कई ट्वीट लिखे हैं
अखिलेश ने बुधवार को इस मुद्दे पर कई ट्वीट लिखे और सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती का निर्णय भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का परिणाम है, जो आरक्षण की मूल भावना के खिलाफ है। दलित पिछड़ों के अधिकारों को मारने के लिए भाजपा ने आरक्षण को विधायी भ्रम में फंसा दिया है। जातिगत जनगणना इस समस्या का सही समाधान है ताकि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण किया जा सके।
‘क्या यह ‘स्वतंत्रता का अमृत काल’ है?
एक अन्य ट्वीट में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा सरकार में दलितों और ओबीसी के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की यह दुखद कहानी है।क्या यही है ‘आजादी का अमृतकाल’ जहां सहायक शिक्षक अपनी रोजी-रोटी की रक्षा के लिए सड़कों पर हाहाकार मचाते हैं? क्या भारत ऐसे ही विश्वगुरु बन जाएगा? इस बार 69 हजार बदलाव लाएंगे।
उन्होंने आगे लिखा, ‘उस लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए सभी को आगे आना होगा, जहां अपने अधिकारों के लिए विरोध करने का अधिकार नहीं है। आरक्षण को लेकर अब दलित पिछड़े युवाओं को बीजेपी की सोच और साजिश दोनों समझ में आ गई है।भाजपा को याद रखना चाहिए कि युवा युग बदलने की ताकत रखता है।