मध्य प्रदेश : बिजली वितरण कंपनी बिजली बिल बकाएदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। शुक्रवार को कंपनी ने ग्रामीण इलाकों में रिकवरी शुरू की। भुगतान न करने पर बाइक, कूलर आदि सामान कंपनी के कर्मचारियों ने पुलिस के साथ मिलकर गांवों वालों से 132 मोटरसाइकिलें और अन्य कुछ चीजें जब्त कर ली।
इनमें से कुछ उपभोक्ताओं ने राशि जमा करवाकर अपनी बाइक वापिश ले ली। उज्जैन ग्रामीण वितरण केंद्र के अंतर्गत कई गांवों के किसानों ने बकाया बिजली बिल जमा नहीं कराया है। कंपनी का दावा है कि रकम जमा नहीं करने पर आर्थिक नुकसान होता है। कंपनी ने अब डिफॉल्टर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
गाँव में कोहराम मच गया
शुक्रवार को बिजली कंपनी के कर्मचारी अमला गांवों में पहुंचे और किसानों से बाइक, कूलर व अन्य घरेलू सामान जब्त करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते डिफॉल्टरों की 132 मोटरसाइकिलें छीनकर सुरक्षित कर वाहनों में लाद दी गईं। इससे वर्षों से बकाया भुगतान नहीं करने वाले किसानों में हड़कंप मच गया है।
इसके बाद गावों के कुछ लोग पैसों का इंतजाम इधर-उधर से करने लगे, जिन-जिन किसानों ने बिल के पैसे कर्मचारियों को दिये वो किसान अपनी-अपनी बाइक तथा अन्य समान वापिस ले गये। बताया जा रहा है कि कड़ी कार्रवाई के चलते ग्रामीणों ने ढाई लाख रुपये मौके पर ही जमा करा दिये।
बड़े डिफाल्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए
सुनने में आया है कि कंपनी सिर्फ छोटे डीफाल्टरों के खिलाफ ही सख्त कार्रवाई कर रही है। भुगतान न करने पर ग्रामीणों का घरेलू सामान जब्त कर लिया जाता है। लेकिन कंपनी बड़े डिफॉल्टर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। छोटे डीफाल्टरों का कहना है कि उन लोगों का हमसे ज्यादा बिल बकाया है, जिनका बिल सिर्फ बाइक और छोटे-मोटे समान उठाने से बिल कि पूर्ति नहीं होगी। उनके रसूखदार होने के कारण अफसर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने से बचते हैं।