प्रवर्तन निदेशालय यानी ED दिल्ली के शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है। आज शाम करीब 3 बजे के बाद ईडी ने आप नेता मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। ईडी ने सिसोदिया की 7 दिन की हिरासत की मांग की, लेकिन कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड का आदेश दिया है।
वहीं, सिसोदिया के वकील ने दावा किया कि एजेंसी पूछताछ के नाम पर उन्हें यहां-वहां बैठाती रहती है और पूछताछ के नाम पर उनके पास कुछ भी नहीं है, वकील का कहना है की सिसोदिया से 7 दिन में सिर्फ 11 घंटे पूछताछ हुई।
ईडी ने कोर्ट में कहा कि अभी मनीष सिसोदिया की कस्टडी मिलना बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अब तक जो भी जांच हुई है वो बाधित और बेकार हो जाएगी। जांच एजेंसी ने कोर्ट को यह भी बताया कि मनीष सिसोदिया से कैमरों की निगरानी में पूछताछ की जा रही है। 18 और 19 को दो लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा।
सिसोदिया ने पूछताछ को लेकर उठाए सवाल
सिसोदिया ने कोर्ट के सामने कहा की ये कुछ भी नहीं कर रहे हैं। सिसोदिया बोले की ‘मैंने उनसे कहा है कि रात भर बिठाओ, लेकिन पूछताछ तो कर लो’। लेकिन वे कुछ करते नजर नहीं आ रहे हैं।
सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई ने सिसोदिया का कंप्यूटर जब्त करने के बाद अगस्त 2022 में ECIR दर्ज की थी। वकील ने कहा कि दूसरी अब दूसरी एजेंसी यानी ईडी भी अब उसी जांच को दोबारा करना चाहती है।
और उसी के आधार पर सिसोदिया की रिमांड बढ़ाने के लिए कह रही है, लेकिन सिसोदिया के वकील ने ईडी के इस अनुरोध का विरोध किया। सिसोदिया के वकील ने कहा कि ED को बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हुआ, यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ?
मनीष के वकील ने कहा कि ईडी की रिमांड अर्जी वही है जो सीबीआई ने अपनी रिमांड में मांगी थी। ईडी के अनुरोध में कोई नई जानकारी नहीं है और यह सिर्फ ईडी का रिमांड लेने का तरीका है। ईडी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब कोई दूसरी एजेंसी जांच करती है तो वह अपने ही कानून के दायरे में जांच करती है।
अभी सीबीआई और ईडी दो एजेंसियों की गिरफ्त में हैं सिसोदिया
सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इसके कुछ दिनों बाद 29 फरवरी को ईडी ने जेल में पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। वह 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी जमानत याचिका पर 21 मार्च को सुनवाई होगी।

क्या है दिल्ली का शराब नीति घोटाला?
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी। केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी लाने को लेकर माफिया राज खत्म करने का तर्क दिया था।
सरकार ने ये भी दावा किया गया था कि इससे सरकारी राजस्व में भी इजाफा होगा। जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने इस मामले में एलजी वीके सक्सेना को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी के साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगा था।
इसी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को सिसोदिया के साथ साथ अन्य 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 22 अगस्त 2022 को ईडी ने आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। अपनी 6 महीने की जांच के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को इस महीने गिरफ्तार किया है।
क्या कह रही अब ईडी
ईडी ने अदालत से कहा कि मनीष सिसोदिया से और पूछताछ की जानी चाहिए, जबकि मामले के अन्य आरोपियों अरविंद, गोपीकृष्ण और संजय गोयल से उनके सामने पूछताछ की गई। जांच एजेंसी ने आगे कहा, “कुछ तथ्य सामने आए हैं। मोबाइल डेटा प्राप्त किया गया है जो बहुत है … सिसोदिया क्लाउड से 1.23000 लाख ईमेल स्टेटमेंट मिले हैं … क्लाउड डेटा भी प्राप्त किया गया है। ईडी का कहना है की इन सबके बारे में पूछने की जरूरत है।