नई ई टेंडरिंग को भी सरपंचों ने नकारा, आज हरियाणा विधानसभा घेराव का ऐलान, सरकार भी तैयार

परसों ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ई टेंडरिंग के मामले को लेकर बड़े बदलाव किए हैं। लेकिन हरियाणा के सरपंच सरकार से अभी भी खफा हैं और सारा काम खुद के हाथ में ही देने की मांग पर अड़े हुए हैं।

Jitendra Kumar
नई ई टेंडरिंग को भी सरपंचों ने नकारा, आज हरियाणा विधानसभा घेराव का ऐलान, सरकार भी तैयार
पंचकुला में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सरपंचों को दौड़ा दौड़ा कर पीटते पुलिस वाले

हरियाणा में ई टेंडरिंग को लेकर सरकार और सरपंचों के बीच विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। 15 मार्च को हालांकि खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसी कड़ी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। और इस प्रेस वार्ता में सीएम ने ऐलान किया था कि सरपंचों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है।

इसके अलावा उन्होंने सरपंचों के काम करने की राशि को भी 5 लाख कर दिया था, पहले यह राशि केवल 2 लाख थी। बावजूद इसके सरपंच अभी भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल के फैसले से खुश नजर नहीं आ रहे हैं और आगे की कारवाई करते नजर आ रहे हैं। सरकार के फैसलों से खफा हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने सिरसा में कल प्रेस वार्ता की।

इसमें एसोसिएशन की राज्य उपप्रधान संतोष बेनीवाल ने मुख्यमंत्री द्वारा सरपंचों को प्रदान की गई इस राहत का बहिष्कार करने की घोषणा कर डाली। गाँव दरबा की मौजूदा सरपंच संतोष ने कहा कि जब तक सरपंचों को उनके पूरे अधिकार नहीं मिलते तब तक उनका ये आंदोलन जारी रहेगा।

प्रेस के दौरान हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की उपप्रधान संतोष बेनीवाल ने कहा कि ई टेंडरिंग को लेकर सरकार के साथ पहले भी बातचीत की गई है और सरकार का रवैया सही नहीं होने से उनके और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई।

संतोष ने साफ किया की अगर सरकार हठ नहीं छोड़ती है तो आज यानी 17 मार्च को उनका चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा घेराव का कार्यक्रम रहेगा जो सबको साथ लेकर किया जाएगा। उन्होंने कहा की बड़ी संख्या में सरपंचों को साथ लेकर वो चंडीगढ़ पहुंचेगे और विधानसभा का घेराव करेंगे। बेनीवाल ने फिर दोहराया की जब तक सरकार सरपंचों को उनके पूर्ण अधिकार नहीं देती उनका ये आंदोलन चलता रहेगा।

हालांकि सरकार की और से अभी तक उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया है और लगता नहीं की सरकार उनकी चेतवानी को कोई महत्व देने के मूड में है। ऐसा भी अंदेशा है की सरकार कई सरपंचों को अपने पक्ष में कर चुकी है और इसबार पंचकुला की तरह भीड़ इकट्ठी नहीं करने दी जाएगी। वैसे भी कुछ सरपंच पिछली बार की पिटाई के बाद शायद ही आंदोलन में भाग लें।

दरबा की सरपंच संतोष बेनीवाल

सरकार ने की ये घोषणा

सरकार की और से खुद सीएम ने कहा है कि 5 लाख तक के कार्य सरपंच खुद करवाएंगे और 5 लाख के ऊपर के काम पारदर्शिता से ई टेंडरींग से किए जाएंगे। वहीं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरपंचों की दूसरी मांग थी उनका मानदेय बढ़ाया जाए।

तो अप्रैल महीने से जो सरपंचों को मानदेय मिलेगा, उसको 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ साथ पंचों का मानदेय बढ़ाकर 1 हजार रुपये से 1600 रुपये कर दिया है और उसे डीए के साथ जोड़ा गया है। डीए के हिसाब से हर छह महीने में ये राशि बढ़ती जाएगी, इससे मौजूदा पंचों और सरपंचों को फायदा होगा।

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