चुनाव से कुछ महीने पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिलों के निर्माण की घोषणा करके एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश की है। एक तो साफ है कि गहलोत सत्ता के खिलाफ लड़ रहे हैं और दूसरा ये साफ करना चाहते हैं कि राजस्थान में उनके अलावा कोई और विकल्प नहीं है।
सीएम गहलोत द्वारा विधानसभा में बनाए जाने वाले 19 नए जिलों में अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, दूदू, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, गंगापुर सिटी, केकड़ी, कोटपूतली, बहरोड़, खैरताल, नीमकाथाना, सांचौर, फलौदी, सलूंबर, शाहपुरा शामिल हैं। इन निर्वाचन क्षेत्रों के निर्माण से राज्य की 113 विधानसभा सीटें प्रभावित होती हैं।
परिषद में 113 सीटों के लिए मतदाताओं को रिझाने का प्रयास
नए निर्वाचन क्षेत्रों की घोषणा करने के निर्णय से 113 राज्यों की विधानसभाओं में मतदाताओं को सीधे आकर्षित करने में मदद मिलेगी। यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गढ़ में वोट बटोरने में भी मदद कर सकता है।
113 स्थानों में जयपुर-19, जोधपुर-10, अलवर-11, अजमेर-8, श्रीगंगानगर-6, बाड़मेर-7, भरतपुर-7, नागौर-10, सवाई माधोपुर-4, जालौर-5, उदयपुर-7, बांसवाड़ा – 5, पाली – 6 और सीकर – 8 सीटें।
क्या है इसका राजनीतिक अर्थ है?
नए राज्यों के गठन की अधिसूचना के विश्लेषण से पता चलता है कि गहलोत के तीन मंत्रियों जिले मिले हैं। सुखराम विश्नोई को सांचौर, राजेंद्र यादव को कोटपूतली-बेहरोड़, विश्वेंद्र सिंह को डींग मिला। पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सीकर संभाग, पार्षद रामकेश मीणा को गंगापुर सिटी वार्ड और बाबूलाल नागर को डूडू जिला दिया गया है। डिप्टी व्हिप महेंद्र चौधरी ने कुचामन डीडवाना को शामिल कर जिला मिला है।
गहलोत के नजदीकी क्षेत्रों को बनाया गया जनपद
सीएम गहलोत के करीबी रघुवीर मीणा को सलूंबर जिला दिया गया है। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए दीपचंद खेरिया के पास खैरथल जिला है। बता दें कि गहलोत ने बांसवाड़ा को संभाग और सलूंबर को जिला बनाकर आदिवासियों पर अपनी सत्ता मजबूत करने की कोशिश की थी। गुजरात प्रभारी रघु शर्मा के पास केकड़ी जिला है जो उनका गृह क्षेत्र है।
बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश
बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने जोधपुर में ही तीन जिले बनाए। दूसरी ओर जयपुर में बीजेपी के गढ़ वाले इलाकों में पैठ बनाने के लिए राजनीतिक चाल चल रही है। पाली, जालोर और सिरोही बीजेपी के गढ़ हैं। गहलोत ने सांचौर को जिला और पाली को संभाग बनाकर इन इलाकों में घुसने की कोशिश की। अनूपगढ़ में भाजपा की सीट को श्रीगंगानगर संभाग से तोड़ने की कोशिश भी जारी है।
19 निर्वाचन क्षेत्रों की घोषणा के बाद कुल 50 निर्वाचन क्षेत्र रह जाएंगे
गौरतलब है कि पहले राजस्थान में 33 जिले थे। बीते दिन मुख्यमंत्री ने 19 नए जिलों की घोषणा की थी, लेकिन उसके बाद भी राज्य में कुल जिलों की संख्या 50 ही रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि जयपुर को जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण में बांटा गया है, जबकि जोधपुर को जोधपुर पूर्व और जोधपुर पश्चिम में विभाजित किया गया है।
अधिसूचना में तीन नए संभागीय निदेशालय बनाए गए। सीकर, पाली और बांसवाड़ा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन मुख्यालयों के अंतर्गत कौन से जिले काम करेंगे। यहां भी क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया। शेखावाटी से सीकर, मारवाड़ से पाली और मेवाड़ के आदिवासी क्षेत्र से बांसवाड़ा को तराशा गया है।
अनूपगढ़ की अनूठी कहानी
अनूपगढ़ को राजस्थान की श्रीगंगानगर विधानसभा में एक जिला बनाया गया है। इसका एक रोचक किस्सा यह भी है कि जिला बनने तक जूते नहीं पहनने का संकल्प लेने वाले विधायक मदन प्रजापति की मांग भी पूरी हो गई। उन्होंने अनूपगढ़ जिला बनने तक जूते नहीं पहनने का वादा किया था।